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Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University                                                                          रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय



पाठ्यक्रम विवरण:

यह पाठ्यक्रम युवाओं को फसलों की बीमारियों और कीट के निदान, उनके प्रबंधन की जानकारी प्रदान कर पौधों के स्वास्थ्य प्रबंधन के नवीनतम, आधुनिक तकनीक के बारे में ज्ञान प्रदान करने के विषय में है । यह पाठ्यक्रम उन युवाओं के लिए तैयार किया गया है जो कृषि उद्योग में करियर बनाना चाहते हैं जैसे कि, फार्म मैनेजर, फील्ड टेक्नोलॉजिस्ट, पौध संरक्षण अनुसंधान में लगे कर्मचारी, कीटनाशक दुकान के मालिक आदि। इसके अलावा, यह उन प्रगतिशील किसानों के लिए उपयोगी होगा जो अपने खेत में पौधों के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को प्रबंधन अधिक वैज्ञानिक तरीके से करना चाहते हैं।

पाठ्यक्रम के लाभ:

1:  यह पाठ्यक्रम खेत की फसलों में रोग संबंधी समस्याओं और कीटों से होने वाले नुकसान का निदान करने में और उचित नियंत्रण उपायों के चयन पर सलाह देने में सक्षम होगा

2:  यह पाठ्यक्रम फसल सुरक्षा हेतु उपयोग मे लाये जाने वाले नवीनतम उपकरणों और तकनीकों, फसल सुरक्षा रसायनों के खतरों को समझने, सुरक्षा चेतना को प्रोत्साहित करने और कानूनी दायित्वों के बारे में जागरूक करने में सक्षम बनाएगा।

3:  यह ग्राम स्तर पर एक पादप स्वास्थ्य क्लिनिक खोलने मे सहायता देगा, जो किसानों को क्षेत्रीय स्तर की समस्याओं के बारे में सलाह देने मे सक्षम बनाएगा ।

4:  यह अद्यतन पौध संरक्षण उपायों के बारे में बुनियादी ज्ञान प्रदान करेगा जो उन्हें नौकरियों के लिए और कृषि उद्योग में आवेदन करने में मदद करेगा ।

उद्देश्य:

1:  बुनियादी पौध संरक्षण उपायों के लिए युवाओं को शिक्षित करना

2:  फसलों में रोगों और कीटों के निदान के लिए बुनियादी कौशल प्रदान करना और विभिन्न कीटनाशकों, जैविक नियंत्रण और कीटनाशक स्प्रे प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्रदान करना।

3:  युवाओं को अपने क्षेत्रों में पौध संरक्षण उपायों के अनुप्रयोगों और कृषि-उद्योगों में सम्भावना के बारे में जागरूक करना

पाठ्यक्रम के अपेक्षित परिणाम:

1:  यह पाठ्यक्रम उचित पौध संरक्षण उपायों को लागू करके पौधों के स्वास्थ्य सुधार का बुनियादी ज्ञान प्रदान करेगा

2:  यह प्रशिक्षण प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करेगा जो कृषि विभाग, विश्वविद्यालयों और कृषि-उद्योगों के लिए एक संपत्ति होगी

पाठ्यक्रम की रूपरेखा:

साप्ताहिक:  2 व्याख्यान कक्षाएं और 2 प्रायौगिक कक्षाएं।

व्याख्यान प्रायौगिक
पौध संरक्षण के मूल सिद्धांत; लक्षण विज्ञान; कीट नियंत्रण के सिद्धांत और तरीके; फफूंदीनाशक और कीटनाशक सूत्रीकरण, पीड़कनाशक उपयोग सुरक्षा और खतरे; बीमारी तथा कीट नियंत्रण में हालिया प्रगति; एकीकृत पीड़क प्रबंधन; कीटनाशकों, उर्वरकों और उनके फॉर्मूलेशन का नियंत्रित छिड़काव; कीटनाशक स्प्रे तकनीक लक्षणों का पहचान; किसी फसल के भीतर लक्षण विकास का स्वरूप; रासायनिक नियंत्रण उपायों के प्रकार, और रसायनों के प्रमुख समूह; कीटकनाशक सूत्रीकरण; प्रतिरोधी किस्में, जैविक नियंत्रण, सांस्कृतिक प्रथाएं, नए कम मात्रा वाले कीटनाशक; जैविक नियंत्रण एजेंट, रोग व कीट-प्रतिरोधी किस्में, यांत्रिक तरीके और भौतिक बाधाएं, आर्थिक थ्रेस-होल्ड स्तर को समझना; छिड़काव अनुप्रयोग उपकरण के प्रकार, जिसमें बीज उपचार, ग्रेन्युल और धूल एप्लिकेटर और धूमन उपकरण शामिल हैं; पौधों की सतहों पर रसायनों की अवधारण और वितरण के लिए स्प्रेयर का सही उपयोग और रखरखाव और सटीक अनुप्रयोग प्रक्रियाएं

पाठ्यक्रम अवधि:   3 महीने

पाठ्यक्रम निदेशक

नाम पद का नाम ईमेल पता
डॉ. प्रशांत जाम्भुलकर प्राध्यापक, पादप रोग विज्ञान विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी

पाठ्यक्रम समन्वयक

नाम पद का नाम ईमेल पता
डॉ मीनाक्षी आर्या वैज्ञानिक, पादप रोग विज्ञान विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी
डॉ. अनीता पुयाम सहायक प्राध्यापक, पादप रोग विज्ञान विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी
डॉ. कुलेश्वर प्रसाद साहू सहायक प्राध्यापक, पादप रोग विज्ञान विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी