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Rani Lakshmi Bai Central Agricultural University                                                                          रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय



पाठ्यक्रम विवरण:

बीज उत्पादन प्रौद्योगिकियाँ एवं बीज प्रमाणीकरण विषय पर त्रिमासिक प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन में कुशलता प्रदान कर उद्यमिता विकास का अवसर प्रदान करने के विषय में है। यह पाठ्यक्रम महत्वाकांक्षी बीज उत्पादकों, कृषि पेशेवरों और बीज उद्योग में रुचि रखने वाले सभी युवाओं के लिए सृजित किया गया है। इस पाठ्यक्रम में बीज जीव विज्ञान, बीज उत्पादन तकनीक, प्रसंस्करण, बीज प्रमाणीकरण, बीज गुणवत्ता परीक्षण और नवीन बीज प्रौद्योगिकियाँ के मौलिक और अग्रिम विषयों पर प्रशिक्षण सम्मिलित है।

पाठ्यक्रम के लाभ:

1:  प्रतिभागियों को बीज जीव विज्ञान, उत्पादन तकनीक, बीज प्रसंस्करण और बीज गुणवत्ता परीक्षण की गहन समझ प्राप्त होगी ।

2:  प्रायोगिक कार्यशालाओं के साथ बीज उत्पादन प्रक्षेत्र भ्रमण द्वारा बीज उत्पादन तकनीकों का प्रायोगिक ज्ञान ।

3:  बीज परीक्षण, उपचार, भंडारण और पैकेजिंग में तकनीकी विशेषज्ञता विकसित होना, जिससे प्रतिभागियों को बीज उद्योग में तकनीकी भूमिकाओं के लिए सक्षम बनाएगा ।

4:  पाठ्यक्रम को वर्तमान उद्योग प्रथाओं और प्रगति को प्रतिबिंबित करने के लिए सृजित किया गया है, जिससे प्राप्त ज्ञान तुरंत लागू होता है और वैश्विक और स्थानीय बीज कानूनों और विनियमों की समझ प्रतिभागियों को अनुपालन और प्रमाणन प्रक्रियाओं के लिए तैयार करती है।

5:  कृषि क्षेत्र में कुशल युवाओं का विकास जिससे, जैसे बीज गुणवत्ता सुनिश्चय द्वारा फसल उत्पादन में वृद्धि।

6:  युवाओं को बीज व्यवसाय शुरू करने में सक्षम अथवा बीज उत्पादक कंपनियों में रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक ।

7:  पाठ्यक्रम से प्राप्त व्यावहारिक अनुभव और ज्ञान से प्रतिभागियों में बीज उत्पादन परियोजनाओं के प्रबंधन और उद्यमिता विकास में आत्मविश्वास पैदा होता है।

उद्देश्य:

1:  उन्नत बीज उत्पादन तकनीकों एवं बीज उत्पादन शृंखला में दक्षता प्रदान कराना ।

2:  बीज प्रमाणीकरण एवं बीज नियमों के लिए मौलिक कौशल विकास ।

3:  बीज रखरखाव एवं बीज परीक्षण द्वारा बीज गुणवत्ता निर्धारण हेतु कौशलता ।

4:  बीज उत्पादन में उद्यमिता विकास ।

पाठ्यक्रम के अपेक्षित परिणाम:

1:  उन्नत क़िस्मों के गुणवत्ता युक्त बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सहायक ।

2:  स्थानीय स्तर पर गुणवत्ता युक्त बीजों के उपयोग और महत्त्व पर जागरूकता से राष्ट्रीय उत्पादकता वृद्धि में योगदान ।

पाठ्यक्रम की रूपरेखा:

साप्ताहिक:  2 व्याख्यान कक्षाएं और 2 प्रायौगिक कक्षाएं।

व्याख्यान प्रायौगिक
कृषि में उन्नत बीजों का महत्त्व, बीज व्यवसाय का परिदृश्य, बीज जीव विज्ञान एवं बीज उत्पादन के मूल सिद्धांत, बीजों की विभिन्न श्रेणियाँ एवं विशेषताएँ, स्व- परागित मुख्य फसलों में बीज उत्पादन, पर-परागित मुख्य फसलों में बीज उत्पादन, संकर बीज उत्पादन, बीज प्रमाणीकरण प्रक्रिया एवं मानक, सीड एक्ट-1966, बीज उत्पादन की सस्योतर क्रियाएँ, बीज प्रसंस्करण, बीज उपचार, बीज भंडारण, बीज पैकेजिंग एवं बीज विपणन, बीज परीक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण, जैविक बीज उत्पादन तकनीक, बीज उत्पादन की नवीन प्रौद्योगिकी । बीज प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला का भ्रमण, बीज परीक्षण हेतु नमूनाकरण, बीज की भौतिक शुद्धत्ता विश्लेषण, बीज की आनुवंशिक शुद्धत्ता विश्लेषण, बीज अंकुरण परीक्षण, बीज औज परीक्षण, बीज नमी आंकलन, मुख्य फसलों के बीज उत्पादन तकनीकों का प्रायोगिक ज्ञान- प्रक्षेत्र भ्रमण, रोगिंग प्रकिया, संकर बीज उत्पादन प्रक्रिया, बीज प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण एवं बीज प्रसंस्करण का प्रायोगिक ज्ञान, बीज भंडारण एवं बीज उपचार का प्रायोगिक अध्ययन, बीज उत्पादक संस्थाओं का भ्रमण ।

पाठ्यक्रम अवधि:   3 महीने

पाठ्यक्रम निदेशक

नाम पद का नाम ईमेल पता
डॉ. जितेंद्र कुमार तिवारी सह प्राध्यापक, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी

पाठ्यक्रम समन्वयक

नाम पद का नाम ईमेल पता
डॉ. अंशुमान सिंह वैज्ञानिक, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी
डॉ. राकेश चौधरी वैज्ञानिक, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग [email protected] कृषि महाविद्यालय, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी